
सिरोही-मनरेगा मजदूरों को 75 दिनों से नहीं मिली मजदूरीः केंद्र से राशि नहीं मिलने से रुका भुगतान, अप्रैल में मिलने की उम्मीद
PALI SIROHI ONLINE
सिरोही-राजस्थान में मनरेगा के तहत काम कर रहे लाखों मजदूरों को पिछले 75 दिनों से मजदूरी नहीं मिली है। यह मामला बुधवार को सामने आया। पूर्व विधायक संयम लोढ़ा को शिवगंज तहसील के राडबर गांव में मजदूरों ने यह जानकारी दी।
मनरेगा कानून के अनुसार मजदूरों को पखवाड़ा समाप्त होने के 10 दिन के भीतर भुगतान किया जाना चाहिए। पूर्व विधायक लोढ़ा ने इस मामले में ग्रामीण विकास विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रेया गुहा से बात की। गुहा ने बताया कि केंद्र सरकार से मनरेगा की राशि नहीं मिलने के कारण यह स्थिति बनी है।
लोढ़ा राडबर गांव में एक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे। वापसी में वे मनरेगा कार्यस्थल पर रुके। मजदूरों ने उन्हें भुगतान नहीं मिलने की समस्या बताई। लोढ़ा ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी से संपर्क किया। अधिकारी ने बताया कि यह समस्या केवल सिरोही जिले में ही नहीं, पूरे राजस्थान में है। जिला कलेक्टर मीटिंग में व्यस्त होने के कारण उपलब्ध नहीं थे। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रेया गुहा ने लोढ़ा को आश्वासन दिया कि अप्रैल माह में मजदूरों को उनकी बकाया मजदूरी का भुगतान कर दिया जाएगा।
पखवाड़ा खत्म होने के 10 दिन में भुगतान का प्रावधान
मनरेगा कानून के तहत पखवाड़ा खत्म होने के दस दिन के भीतर मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान करने का प्रावधान है। अन्यथा मजदूरों को अतिरिक्त मजदूरी दी जानी चाहिए। बावजूद इसके एक नहीं पांच पखवाड़े से मजदूरों को भुगतान नहीं मिल सका है। ऐसे में होली और शीतला सप्तमी जैसे पर्व पर मजदूरों को अपनी मजदूरी से वंचित होना पड़ा है।
मनरेगा कानून की धज्जियां उड़ा रही सरकार
इस मामले को लेकर पूर्व विधायक ने अपने एक्स हैंडल पर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को टैग करते हुए लिखी पोस्ट में केन्द्र और प्रदेश में डबल इंजन की सरकार होने का हवाला देते हुए तंज कसा है कि पूरे प्रदेश में नरेगा मजदूरों को पांच पखवाड़े से मजदूरी का भुगतान नहीं मिल रहा है। आपसे आग्रह है कि मेहरबानी करके गरीब मजदूरों पर तरस खाए और उन्हें उनकी मेहनत की मजदूरी का भुगतान जल्द ही सुनिश्चत करें। लोढ़ा ने केन्द्र व प्रदेश सरकार पर मनरेगा कानून की धज्जियां उड़ाने का भी आरोप लगाया है।


