गेहूं के लिए आफत बनकर लटक रहे हैं बिजली के तार

PALI SIROHI ONLINE

गणेश परमार

गेहूं के लिए आफत बनकर लटक रहे हैं बिजली के तार

गोयली| समीपवर्ती पिपलकी मार्ग पर स्थित भुतावा क़ृषि फार्म पर गेहूं के खेत के ऊपर लटक रहे बिजली के तार गर्मी बढ़ते ही आफत के रूप में सामने आ रहे हैं। कई दशक पुराने बिजली के तारों को टाइट कराने के लिए विद्युत निगम गंभीर नहीं दिख रहा है। यही कारण है कि जिले में अब तक एक दर्जन से अधिक स्थानों पर शार्ट सर्किट से खेतों में आग लग चुकी है।
गर्मी शुरू होने से पहले विभाग बिजली आपूर्ति में लगे संसाधनों को दुरुस्त करने का दावा करता है। जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। जिले में चार से पांच दशक पुरानी सैकड़ों लाइन मरम्मत की राह देख रही हैं। शहरी क्षेत्रों को छोड़ दें तो ग्रामीणांचल में स्थिति बहुत ही भयावह है। ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधनों को दुरुस्त करने के नाम पर शायद ही कहीं तार या खंभे ठीक किए गए हों। हजारों हेक्टेयर गेहूं की फसल को हर साल झूलते बिजली तारों का निवाला बन जाती है। गर्मी में बिजली तारों से आग की घटनाएं होनी सामान्य बात है। दरअसल, गर्मी में गेहूं की फसल पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है। जब हवाएं सामान्य से तेज गति से चलती हैं तब बिजली तारों के हिलने-डुलने कारण उनमें स्पार्किंग होती है जिससे निकलने वाली चिंगारी आग का कारण बनती है।

प्रगतिशील किसान देवीसिंह सोलंकी बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में तमाम बिजली लाइनें 40 से 50 साल पुरानी हैं। हमने उनकी मरम्मत होता जीवन में कभी नहीं देखा। गर्मी में धातुओं में प्रसार होता है। तार भी धातुओं से बने होते हैं और प्रसार के कारण वे ज्यादा लटक जाते हैं। जिन्हें देखने कभी कोई अभियंता नहीं आता है। गर्मी ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। दिन का तापमान बढ़ने लगा है। इस बीच गेहूं की फसल पककर तैयार है। सरसों की कटाई चालू है। इन सबके बीच अब किसानों की चिंता का सबब लटकते और ढीले-जर्जर बिजली के तार बने हुए हैं। खेतों के बीच हाईटेंशन लाइन का तार खींचा गया है। भीषण गर्मी में यही तार टूटकर नीचे गिरने लगते हैं, जिससे हादसे पर हादसे होते हैं। अभी विभाग के पास मौका है। किसानों की फसल सुरक्षित रहे, इसके लिए समय रहते यदि ढीले और लटक रहे तारों को टाइट करा दिया तो किसानों को काफी राहत मिल सकती है।

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