इस बार होलिका दहन का शुभ मुहूत रात को ही, फाग गीतो की बहार, चामुंडेरी में बालिका जन्म पर हुआ जश्न, दादा पोती संग झूमा, नन्हे दूल्हों को करवाएं जाएंगे होली दहन के बाद फेरे

PALI SIROHI ONLINE

पाली-पाली में इस बार होलिका दहन के लिए ज्यादा समय नहीं मिलेगा। इसके साथ ही होलिका दहन के लिए देर रात तक इन्तजार करना पड़ेगा। होली पर ढूंढ का ज्यादातर रिवाज घर मे लड़का होने पर करते है पर चामुंडेरी ग्राम में मेघवाल समाज के एक घर मे पुत्र के दूसरी बेटी जश्न पर दादा दादा सहित परिवार बहु पोती का ढूंढोत्सव मनाया जिसका विडिओ हो रहा वायरल, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देता चामुंडेरी मेघवाल समाज के शिक्षित निजी शिक्षक सुरेश कुमार पुत्र जवानाराम गहलोत (मेघवाल) के दूसरी पुत्री के जन्म पर आयोजित हुआ कार्यक्रम, गोरतलब है कि सुरेश की पत्नी पिंकू देवी भी उच्च शिक्षित महिला है बेटा बेटी एक समान

पंडितों की माने तो होलिका दहन 13 मार्च को होगा। सुबह 10:36 बजे फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी, जो 14 मार्च दोपहर 12:24 बजे तक रहेगी। धुलंडी पर्व 14 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है।

आचार्य पंडित मनीष ओझा ने बताया कि होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 13 मार्च की रात 11:21 से 12:28 तक रहेगा। विशेष परिस्थितियों में गोधुली वेला में कर सकते हैं।

इस बार बन रहे विशेष संयोग

होली पर इस बार विशेष योग भी बन रहा है। इस बार सूर्य, बुध व शनि का कुंभराशि में होना एवं शूल योग तथा गुरुवार के दिन विशिष्ट संयोग बन रहा है। ऐसा विशिष्ट योग 1995 से बना था। मध्य रात्रि की साधना को मंत्र-तंत्र के लिए विशेष माना जाता है। सिद्ध रात्रि भी कही जाती है। 14 मार्च को सुबह 9:29 से दोपहर 3:29 बजे तक ग्रहण रहेगा, भारत में यह दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस दिन सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे। चंद्रमा कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में रहेंगे। केतु इस दौरान पहले से ही कन्या राशि में रहेंगे। ऐसे में दो ग्रहों की युति होगी, जिससे ग्रहण योग बन रहा है।

चंग की थाप पर सुनाई दे रहे फाग गीत

होली को लेकर इन दिनों शाम ढलने के बाद शहर के सूरजपोल चौराहे के निकट गेरिए चंग की थाप पर फाग गीत गाते नजर आ रहे है। वही कई जने घर-घर जाकर होली के गीन गाकर बधाई के रूप में रुपए भी लोगों से ले रहे है। नन्हे दूल्हों की होगी ढूंढ

बता दे कि 13 मार्च को होली दहन के समय नन्हे दूल्हों को जलती हुई होली के चारों तरफ फेरे करवाए जाते है वही 14 मार्च को धुलंडी पर कई समाज के लोग ग्रुप में समाज बंधुओं के यहां जाते है। जहां बच्चों की ढूंढ करते है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page