
सिरोही-EVM हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांगः सिरोही में मूलनिवासी बहुजन समाज की विशाल जनसभा आयोजित
PALI SIROHI ONLINE
सिरोही-सिरोही में मूलनिवासी बहुजन समाज जोड़ो यात्रा के तहत एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम ने कहा कि देश में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव जरूरी हैं। उन्होंने EVM से होने वाले चुनावों को बंद कर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी गोविंद कुमार राणा मौजूद रहे। विशेष अतिथि के रूप में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के सेवानिवृत्त अतिरिक्त महानिदेशक डी आर गहलोत और बामसेफ के राष्ट्रीय सचिव मघाराम हातला उपस्थित थे।
वामन मेश्राम ने अपने संबोधन में कहा कि देश में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव जरूरी हैं। उन्होंने EVM से होने वाले चुनावों को बंद कर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की। उनका कहना था कि EVM से बनी सरकार की वजह से ओबीसी की जाति आधारित जनगणना नहीं हो पा रही है। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल पा रहा है।
मेश्राम ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार मूलनिवासी बहुजन समाज के महापुरुषों और उनकी विचारधारा का अपमान कर रही है। कार्यक्रम में गोविंद कुमार राणा ने कहा कि समाज के मान-सम्मान की लड़ाई जीतने के लिए संगठित होना और बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं का निर्माण करना जरूरी है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. गहलोत सेवानिवृत्ति अतिरिक्त महानिदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग नई दिल्ली ने बताया कि इस देश की जितनी भी सांस्कृतिक विरासत है वह सारी की सारी बुद्ध से जुड़ी हुई हैं। चाहे आर्कियोलॉजी सर्वे रिपोर्टें हो चाहे हिस्ट्री हो सब जगह बुद्ध ही बुद्ध दिखाई देंगे तो हमें इस बुद्ध की विरासत को बचाने के लिए संगठित रूप से प्रयास करना होगा। ज्योतिबा फुले ब्रिगेड के हरीश माली ने बताया कि जब तक एससी, एसटी, ओबीसी और माइनॉरिटी के लोग संगठित होकर काम नहीं करेंगे, तब तक इस देश में व्यवस्था परिवर्तन का आंदोलन सफल नहीं हो सकता है।
दशरथ सिंह अदा प्रदेश कोषाध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा राजस्थान ने कहा कि कुत्तों, जानवरों, बिल्लियों और पशुओं की जनगणना सरकार एक करती है, लेकिन ओबीसी की जनगणना नहीं कर रही है। इसका दूसरा अर्थ यह है कि हमें पशुओं से भी बदतर स्थिति में लाने के लिए हमारे शासक वर्ग द्वारा षड्यंत्र किए जा रहे हैं। इस षड्यंत्र को हम लोगों को समझना होगा। कार्यक्रम के अभिवादन भाषण में एडवोकेट सुंदरलाल मोसलपुरिया ने बताया कि कमजोर लोग कभी न्याय हासिल नहीं कर सकते। कमजोरों को पहले शक्ति का निर्माण करना होगा। शक्ति का निर्माण संगठन के बगैर न्याय मुमकिन नहीं है।
विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया इसके माध्यम से पूरी व्यवस्था को अपने कब्जे में कर रखा है। उससे नियंत्रण को खत्म करने के लिए हमें राष्ट्रीय स्तर का संगठन भारत मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा के माध्यम से जन आंदोलन की तैयारी करनी चाहिए। तभी जाकर हम लोग हमारा मूलनिवासी बहुजन समाज को न्याय दिलवा पाने में सफल हो सकते हैं। उपरोक्त कार्यक्रम में सैकड़ों कार्यकर्ता और समान विचारधारा वाले लोगों ने भाग लिया।


