
चैत्र नवरात्र 30 मार्च से, तैयारी में जुटे श्रद्धालुः जानें घट स्थापना का समय और पूजा के नियम
PALI SIROHI ONLINE
सिरोही-चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होने वाला वासंतिक नवरात्र इस बार 30 मार्च 2025 से शुरू होंगे। यह पर्व 6 अप्रैल 2025 को चैत्र शुक्ल नवमी के दिन संपन्न होगा। होमाष्टमी 5 अप्रैल को मनाई जाएगी। श्रद्धालुओं ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
प्रसिद्ध ज्योतिष एवं वास्तुविद आचार्य प्रदीप दवे के अनुसार घट स्थापना के लिए कई शुभ मुहूर्त हैं। सुबह 9:39 से दोपहर 12:42 तक लाभ-अमृत वेला में, दोपहर 12:18 से 1:07 तक अभिजित मुहूर्त में, दोपहर 2:14 से 3:46 तक शुभवेला में और शाम की गोधूलि वेला में घट स्थापना की जा सकती है।
नवरात्र में पूजा के कुछ महत्वपूर्ण नियम हैं। नौ दिनों तक स्नान के बाद पवित्र होकर माता के सामने चंडी पाठ करना चाहिए। मां की स्नान और श्रृंगार पूजा केवल महिलाएं ही कर सकती हैं। पूजा में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है। माता को चुनरी नहीं ओढ़ानी चाहिए। समृद्धि के लिए घी का दीपक दाईं ओर और रोग नाश के लिए तेल का दीपक बाईं ओर जलाना चाहिए।
खंडित फल और श्रीफल माता को नहीं चढ़ाए जाते। श्रीफल पर यथाशक्ति भेंट रखकर अर्पण करने से अकाल मृत्यु का नाश होता है। पूजा और उपवास में दूध का प्रयोग वर्जित है। कामाख्या देवी मंदिर की तरह, माता के मासिक धर्म की तिथियों में मंदिर बंद रखना चाहिए और पूजा नहीं करनी चाहिए।


